कन्नौज न्यूज: कनपटी पर तमंचा, मुंह में कारतूस प्रेमिका के बेटे को बंधक बनाकर बैठा सिरफिरा प्रेमी।
जनपद कन्नौज में सिरफिरे प्रेमी ने प्रेमिका के बच्चे को 7 घंटे तक बंधक बनाकर रखा।
प्रेमिका को बुलाने की जिद पर अड़ा था। मौके पर ASP अजय कुमार, CO सुरेश मलिक, कोतवाली प्रभारी विष्णुकांत तिवारी पहुंचे। आरोपी को समझाया, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं था। CO सुरेश मलिक से कहा- लड़की को बुलाकर लाओ।आरोपी ने अपने एक हाथ में तमंचा, दूसरे में मोबाइल और मुंह में कारतूस दबा रखा था। वह कभी तमंचे को अपने कनपटी पर सटाकर खुदकुशी करने की धमकी देता। कभी बच्चे को डराता-धमकाता।
उसका कहना था, मैंने अपनी प्रेमिका से शादी कर ली है। मैं उसके ही साथ रहना चाहता हूं। आरोपी के बगल में बैठा बच्चा सहमा हुआ था। पुलिसवाले भी कमरे में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। उधर, बच्चे के परिजन घर के बाहर बिलख रहे थे। महिला पुलिसकर्मी उन्हें संभल रही थीं। करीब 7 घंटे बाद पुलिस जबरन अंदर पहुंची। बच्चे को सकुशल बाहर निकाला। विरोध करने पर युवक के पैर में गोली मारी। करीब 3 राउंड फायरिंग हुई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मामला छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के काशीराम कॉलोनी का है। चार महीने पहले आरोपी ने प्रेमिका के साथ कोर्ट मैरिज की
काशीराम कालोनी की प्रेमिका अपने परिवार के साथ रहती है। उसके तीन बच्चे हैं। पति संजय की दो साल पहले मौत हो चुकी है। प्रेमिका प्राइवेट नौकरी करती है।
नौकरी के दौरान प्रेमिका की मुलाकात तालग्राम थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव निवासी दीपू चक से हुई। दीपू भी प्राइवेट नौकरी करता है। धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं। दीपू अपना ज्यादातर समय उसके घर पर बिताने लगा।
लेकिन, प्रेमिका के बच्चों को दीपू पसंद नहीं था। वह मां के अफेयर का विरोध करने लगे। मामला बिगड़ता देख दीपू ने शादी करने की ठान ली। 4 महीने पहले दीपू और उसकी प्रेमिका ने कोर्ट मैरिज कर ली। इधर, पिछले 8 या 10 दिनों से जब दीपू उसके घर आता तो उसकी प्रेमिका बहाना करके कहीं चली जाती।
दीपू ने उसके बारे में जानकारी करनी चाही, लेकिन कोई सही जानकारी नहीं मिल सकी। उसे शंका हुई कि महिला किसी अन्य व्यक्ति के पास रहने लगी है तो आगबबूला हो गया। पुलिस और एसओजी टीम ने बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। आरोपी के पैर में गोली मारी।
दोपहर 1 बजे तमंचा लेकर घर पहुंचा दीपक गुस्से में शुक्रवार की दोपहर 1 बजे कांशीराम कालोनी में उसके घर पहुंच गया। वह बहुत गुस्से में था। बच्चों से पूछने लगा कि तुम्हारी मां कहां है? जब उसे उस महिला के बारे में कुछ पता नहीं चला तो करीब डेढ़ बजे तमंचा निकालकर उन्हें कमरे में बैठा लिया। बच्चों को तमंचा दिखाकर धमकाने लगा। इसी बीच महिला की एक बेटी किसी तरह कमरे से बाहर निकल आई और उसने शोर मचा दिया। जिससे वहां भीड़ लग गई।
कुछ देर में पुलिस टीम भी कालोनी पहुंच गई। बच्चों को सुरक्षित छुड़ाने के प्रयास करने लगी। दीपू अपनी प्रेमिका को बुलाने की जिद पर अड़ा है। पुलिस ने उसकी प्रेमिका से फोन पर उससे बात की और घर आने के लिए। हालांकि कुछ देर बाद महिला का मोबाइल स्विच ऑफ बताने लगा। महिला के ससुर बोले- मुझे नहीं पता आरोपी कौन है ससुर बाबा वीरेंद्र ने बताया- ये लड़का 4 महीने पहले उसको को लेकर कहीं चला गया था। कहां था, इसकी जानकारी नहीं है। दीपू गुस्से में घर पहुंचा। बच्चों से पूछने लगा कि मां कहां है। बच्चों को पता ही नहीं है कि उसकी मां कहां है। हमने पुलिस में शिकायत भी की थी। मेरा नाती के साथ अंदर है। आरोपी कुछ भी कर सकता है। पुलिस अफसर युवक को समझाने में लगे हैं। उसे दरवाजा खोलने के लिए समझा रहे हैं। दादी के साथ रह रहे थे बच्चे घटना के समय महिला का बड़ा बेटा किसी काम से फर्रुखाबाद गया था। बहन ने उसे फोन कर घटना की जानकारी दी। इसके बाद वह घर पहुंचा। दादी मोहल्ले में ही किसी के घर पर गईं हुई
पुलिसकर्मियों की तरफ फेंका 100 रुपए का नोट
7 घंटे तक बंधक बनाने के दौरान पुलिस के निवेदन पर आरोपी ने बच्चे को सिर्फ पानी दिया। युवक ने टिप के रूप में 100 रुपए बाहर की ओर फेंक दिए। आरोपी की जिद पर पुलिस को उसके लिए पान-मसाला भी मंगाना पड़ा। अंधेरा होते ही जनरेटर मंगाया गया। ताकि, बिजली जाने पर रोशनी रहे। भीड़ को नियंत्रित कर सकें।
मम्मी को लेकर अहमदाबाद चला गया था दीपू
बेटी ने बताया- इस समय मेरी मम्मी कहां हैं ये नहीं पता। 4 महीने पहले दीपू ने मम्मी से कोर्ट मैरिज की थी। मम्मी को लेकर वह अहमदाबाद चला गया था। डेढ़ महीने बाद मेरे पास मम्मी का नए नंबर से फोन आया। बोलीं- बेटा मुझसे गलती हो गई है। हमे माफ कर दो। तुम लोगों की बहुत याद आती है। हम तुम लोगों के साथ ही रहेंगे। हमने पूछा कहां हो, तो बताया दिल्ली में हैं। इसके बाद हमने फोन काट दिया। मम्मी बोलीं- बेटा दिल्ली आ जाओ, यहीं रहेंगे
परसों मम्मी का नए नंबर से फिर फोन आया। कहा-बिटिया तुम लोग दिल्ली आ जाओ। हम लोग यहीं रहेंगे, कॉलोनी में नहीं रहेंगे। मैंने कहा, हम नहीं आएंगे आप ही आ जाओ। तो मम्मी बोलीं- ठीक है हम आ रहे हैं। दीपू को ये बात पता नहीं कैसे पता चल गई।
दीपू ने फोनकर दी थी मारने की धमकी
उसने फोन कर धमकी दी। कहा- मम्मी का पता बताओ कहां हैं, नहीं तो मार देंगे। हमने कहा- वह दिल्ली में हैं। उसने कहा हम आ रहे हैं। वो आया। मेरा भाई उस समय खेल रहा था। दोपहर को हम दुकान पर थे। पता चलते ही मैं भी पहुंच गई। दीपू आकर बोला- मम्मी कहां हैं, बताओ। उसने मेरे भाई को बंधक बना लिया। हम किसी तरह बचकर भागे।